पटना पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद से मिल कर निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों का आरक्षण खत्म कराने वाले नीतीश कुमार सबसे ब॒ड़े बहुरुपिया हैं।
श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने 25 साल में कितनी बार रूप बदला, यह सबको पता है।
उन्होंने कहा कि एक नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद से अलग हो कर समता पार्टी बनायी, चारा घोटाला में उन्हें जेल भिजवाया, जंगलराज के खिलाफ न्याय यात्रा निकाली और भाजपा से दोस्ती कर वे सुशासन बाबू बन गए। यह रूप 15 साल रहा।
श्री मोदी ने कहा कि जब महात्वाकांक्षा जगी और भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र मोदी से जलन तेज हुई, तब नीतीश कुमार पलटकर लालू प्रसाद के गोड़ पर गिर गए। उन्होंने तब जनता-परिवार और समाजवादी एकता का चोला पहन लिया था।
श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने महादलित-उद्धारक का रूप धरा और जीतन राम मांझी को अपनी कुर्सी सौंपी। यह रूप नौ-दस महीने के लिए था। लालू प्रसाद की मदद से मांझी की कुर्सी छीनने वाले भी नीतीश कुमार ही थे।
उन्होंने कहा कि 2024 में नरेंद्र मोदी का तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना और कुंठाग्रस्त बहुरुपिया नीतीश कुमार का शिवानंद के संन्यास आश्रम में जाना तय है।
श्री सुशील मोदी ने कहा जदयू के छोटे बहुरुपिया ललन सिंह कभी नीतीश कुमार को तानाशाह, अवसरवादी और “सबसे बड़ा ठग” कहने के कारण पार्टी से निकाले गए थे।
उन्होंने कहा कि एक ललन सिंह ने राबड़ी देवी पर मानहानि का मुकदमा किया, आइआरसीटीसी घोटाले में सीबीआई को लालू परिवार के खिलाफ दस्तावेज उपलब्ध कराये, जांच में तेजी लाने की मानिटरिंग की और दूसरे रूप में वही व्यक्ति लालू परिवार और नीतीश कुमार का कृपापात्र बनने के लिए प्रधानमंत्री को अपशब्द कह रहा है। जनता राजनीति के असली बहुरुपियों को गौर से पहचान रही है। ये लोग 2024 में चेहरा दिखाने लायक नहीं रहेंगे।